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प्रश्न 1. मूल्य क्या होता है ?
उत्तर 1. व्यक्तिके कर्मों को निर्देशित करने वाले सिद्धान्त मूल्य हैं। प्रशासन में अखंडता, ईमानदारी, सहिष्णुता इत्यादि आवश्यक मूल्य हैं।
उत्तर 1. व्यक्तिके कर्मों को निर्देशित करने वाले सिद्धान्त मूल्य हैं। प्रशासन में अखंडता, ईमानदारी, सहिष्णुता इत्यादि आवश्यक मूल्य हैं।
प्रश्न2. ‘सत्य’ से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर 2. सत्यवास्तविकता अथवा तथ्य का पर्यायवाची है। एक प्रशासक को सत्यवादी होना चाहिए अर्थात् उसे प्रशासनिक नैतिकता को ही आत्मसात करना चाहिए।
उत्तर 2. सत्यवास्तविकता अथवा तथ्य का पर्यायवाची है। एक प्रशासक को सत्यवादी होना चाहिए अर्थात् उसे प्रशासनिक नैतिकता को ही आत्मसात करना चाहिए।
प्रश्न3. असंलग्नता
उत्तर 3. वस्तुनिष्ठरूप से पक्षपात रहित न्याय अर्थात् किसी व्यक्ति अथवा संस्था के हित में न्याय किए बिना निष्पक्षता पूर्वक न्याय करने की नीति को असंलग्नता कहते हैं।
उत्तर 3. वस्तुनिष्ठरूप से पक्षपात रहित न्याय अर्थात् किसी व्यक्ति अथवा संस्था के हित में न्याय किए बिना निष्पक्षता पूर्वक न्याय करने की नीति को असंलग्नता कहते हैं।
प्रश्न 5. अभिवृत्ति से आप क्या समझते हैंंै?
उत्तर 5. अभिवृत्तिकिसी निश्चित कार्य को एक निश्चित स्तर पर निष्पादित करने की योग्यताओं का एक अंश है, जिसे
‘प्रतिभा’ भी कहा जा सकता है। अभिवृत्ति शारीरिक अथवा मानसिक हो सकती है। अभिवृत्ति से ज्ञान, समझ, ज्ञात और
प्राप्त क्षमताओं (कौशल) का विकास होता है। अभिवृत्ति की अंतर्जात प्रकृति, उपलब्धियों की तुलना में निहित है, जो ज्ञान
से क्षमता और अवबोधन को प्रदर्शित करती है।
उत्तर 5. अभिवृत्तिकिसी निश्चित कार्य को एक निश्चित स्तर पर निष्पादित करने की योग्यताओं का एक अंश है, जिसे
‘प्रतिभा’ भी कहा जा सकता है। अभिवृत्ति शारीरिक अथवा मानसिक हो सकती है। अभिवृत्ति से ज्ञान, समझ, ज्ञात और
प्राप्त क्षमताओं (कौशल) का विकास होता है। अभिवृत्ति की अंतर्जात प्रकृति, उपलब्धियों की तुलना में निहित है, जो ज्ञान
से क्षमता और अवबोधन को प्रदर्शित करती है।
प्रश्न 6. पर्यावरणीय नीतिशास्त्र
उत्तर 6. मानवऔर पर्यावरण के मध्य संबंध और इसमें नीतिशास्त्र की भूमिका के अध्ययन को पर्यावरणीय नीतिशास्त्र कहते हैं। इसके अनुसार मानव भी अन्य जीव-जंतुओं और पादपों की भांति समाज का एक भाग है। ये अंश विश्व के अत्यधिक महत्त्वपूर्ण भाग हैं और मानव जीवन के क्रियाशील भाग हैं और मानव जीवन के क्रियाशील भाग हैं। इस प्रकार
यह अत्यंत आवश्यक है कि प्रत्येक मनुष्य इसका सम्मान करें और इनके प्रति नैतिकता का पालन करें।
उत्तर 6. मानवऔर पर्यावरण के मध्य संबंध और इसमें नीतिशास्त्र की भूमिका के अध्ययन को पर्यावरणीय नीतिशास्त्र कहते हैं। इसके अनुसार मानव भी अन्य जीव-जंतुओं और पादपों की भांति समाज का एक भाग है। ये अंश विश्व के अत्यधिक महत्त्वपूर्ण भाग हैं और मानव जीवन के क्रियाशील भाग हैं और मानव जीवन के क्रियाशील भाग हैं। इस प्रकार
यह अत्यंत आवश्यक है कि प्रत्येक मनुष्य इसका सम्मान करें और इनके प्रति नैतिकता का पालन करें।
प्रश्न 7. काॅर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व