प्रश्न 1. ओझियाना
उत्तर ओझियानाभीलवाड़ा जिले में स्थित आहड़ संस्कृति से संबंधित पुरातत्व स्थल है। यहां से लाल एवं काले रंग के मृद्पात्र जो सफेद रंग से चित्रित हैं, प्राप्त हुए हैं।
प्रश्न 2. मोरचंग
उत्तर लोहेका बना छोटा सुषिर वाद्य यंत्र है। इसे होंठों के बीच रखकर बजाया जाता है।
प्रश्न 3. किराड़िया
उत्तर राजस्थानमें किसानों द्वारा खेतों में बनाये जाने वाले परम्परागत झोपड़ीनुमा अवशीतन भण्डारगृह किराड़िया कहलाते हैं।
प्रश्न 4. तमन्चा शाही
उत्तर धौलपुरमें प्रचलित सिक्कों को तमंचाशाही सिक्कों के नाम से जाना जाता था क्योंकि इन पर तमंचे का चिह्न अंकित होता था।
प्रश्न 5. राजस्थान की प्रमुख पाॅटरीज
उत्तर (i)ब्लू पाॅटरी – जयपुर
(ii) ब्लैक पाॅटरी – कोटा
(iii) कागजी पाॅटरी – अलवर
(iv) सुनहरी पेन्टिंग पाॅटरी – बीकानेर
प्रश्न.6.राजा उम्मेद सिंह के काल में कोटा चित्रकला शैली में आये परिवर्तनों की व्याख्या करें।
उत्तर : कोटा शैली बूंदी कला शैली की शाखा है। जिसका स्वतंत्र अस्तित्व राजा रामसिंह के काल में स्थापित हुआ। राजा उम्मेदसिंह के काल में कोटा कला शैली की मूल भावना में विशेष परिवर्तन हुआ। राज उम्मेद सिंह के शिकार खेलने के विशेष प्रेम के कारण कोटा शैली में इस समय शिकार का बहुरंगी वैविध्यपूर्ण चित्रण हुआ जो कोटा शैली का प्रतीक बन गया। इस शैली में हल्के हरे, पीले और नीले रंग का प्रयोग बहुतायत में हुआ है।
प्रश्न 7. ‘राजस्थान यूनियन‘ की असफलता के कारण लिखं।
उत्तर मेवाड़के महाराणा भूपालसिंह ने छोटे-छोटे राज्य मिलाकर एक बड़ी इकाई राजस्थान यूनियन बनाने के उद्देश्य से जून 1946 में उदयपुर में एक सम्मेलन आयोजित किया। इसमें जोधपुर, जयपुर, बीकानेर आदि बड़े राज्यों को छोड़कर राजस्थान के शेष राज्यों ने इस प्रस्ताव को सिद्वान्त रूप से स्वीकार कर लिया। लेकिन इन बड़ी रियासतों की निष्क्रियता और पारस्परिक अविश्वास के कारण राजस्थान यूनियन असफल हो गई।
प्रश्न 8. जेन्टलमैन एग्रीमेन्ट
उत्तर जयपुरमें जयपुर प्रजामंडल की स्थापना के बाद इसके अध्यक्ष हीरालाल शास्त्री ने 16 सितम्बर, 1942 को जयपुर राज्य के प्रधानमंत्री सर मिर्जा इस्माइली को पत्र लिखकर कुछ शर्तें रखीं जिनका पालन करने पर आन्दोलन की चेतावनी दी। जयपुर सरकार ने समझौता किया और आश्वासन दिया कि अंग्रेजों को युद्ध में मदद नहीं की जाएगी और राज्य में उत्तरदायी शासन की स्थापना की कार्यवाही शीघ्र शुरू की जाएगी। यह समझौता ‘जेन्टलमैन एण्ग्रीमेण्ट’ कहा गया।
प्रश्न 9 राजस्थान के लोकसंगीत में कालबेलिया जाति का योगदान बताइए।
उत्तर कालबेलियाजाति के जीवन में संगीत नृत्य का विशिष्ट स्थान है। इनका पारंपरिक वाद्य बीन तथा डफ है। कालबेलिया महिलाओं के नृत्य के दौरान शरीर की लोच का प्रदर्शन देखते ही बनता है। इनके प्रमुख नृत्य-इंडोणी, पणिहारी, शंकरिया, बागड़िया इत्यादि हैं। इसके प्रमुख कलाकार – रूमालन RAS study material